Shiv ji ke rahasya: कितना जानते हैं आप भगवान शिव को? जानें उनसे जुड़े अनोखे रहस्यों के बारे में...
Shiv ji ke rahasya: हिंदू धर्म में भगवान शिव को देवों के देव महादेव कहा गया है. कहा जाता है कि जिस भी व्यक्ति के जीवन में भगवान शिव का विशेष आशीर्वाद रहता है, उस व्यक्ति के जीवन में कोई भी संकट नहीं आने पाता. ऐसे में यदि आप भी भगवान शिव के भक्त हैं, और नियमित तौर पर उनकी पूजा-अर्चना करते हैं, तो आपके जीवन में आने वाले किसी भी संकट को भगवान शिव पहले ही हर लेते हैं, ऐसे में आपको भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रोजाना उनका विधि-विधान से जाप करना चाहिए, ऐसा करने से भगवान शिव आपके जीवन पर सदैव अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखते हैं. लेकिन क्या आप भोलेनाथ से जुड़े इन रहस्यों के बारे में जानते हैं? जिनके बारे में हम आपको बताने वाले हैं? तो चलिए जानते हैं….
शिव जी के रहस्य
1. भगवान शिव को अनादि इसलिए कहा जाता है कि ना तो उनके जन्म का समय निश्चित है और ना ही अंत का.वह आरंभ से सबके साथ हैं.
2. भगवान शिव के अवतार शिवलिंग को तब भी पूजा जा सकता है जब वह टूटा और चटका हुआ हो. जबकि अन्य देवी-देवताओं की मूर्ति के टूटने पर उन्हें खंडित माना जाता है.
3. क्या आप जानते हैं भगवान शिव की एक बहन भी थी, जिनका नाम असवरी था. जबकि भगवान शिव की पुत्री का नाम अशोक सुंदरी था.
4. कहा जाता है भगवान शिव ने तांडव करते समय 14 बार डमरु बजा था, वहीं से संस्कृत व्याकरण का आरंभ हुआ.
5. भगवान शिव और शिवलिंग पर भूलकर भी कभी जल के बिना बेलपत्र नहीं चढ़ाना चाहिए. अन्यथा इससे आपकी पूजा अधूरी मानी जाती है.
6. भगवान शिव ने अपने अस्त्र शस्त्र अन्य सभी देवी-देवताओं को दिए थे, भगवान शिव ने भगवान विष्णु को सुदर्शन चक्र दिया था.
7. भगवान शिव को आदियोगी भी कहा जाता है कि इन्होंने ही सप्तर्षियों के मंडल को रचा था.
8. भगवान शिव हमेशा जिस बाघ की खाल को नीचे आसान के तौर पर धारण करते है, उसका वध भगवान शिव के हाथों से ही हुआ था.
9. इसके अलावा, भगवान शिव ने चंद्रमा को श्राप से मुक्ति दिलाने के लिए उन्हें अपने सिर पर धारण किया था.
10. इसके साथ ही माता गंगा के तेज प्रभाव को रोकने के लिए उन्होंने माता गंगा को अपनी जटाओं में सजा लिया था और फिर उसके बाद धीरे-धीरे अन्य दिशाओं से उनको धरती पर भेजा.
11. भगवान शिव ने अपने गले में जिस नाग को पनाह दी है वह नागों के राजा वासुकी हैं.
12. भूल से भी भगवान शिव की पूजा में शंख, केतकी के फूल, तुलसी के पत्ते और काले तिलों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है,
ऐसा करने से भगवान शिव आपसे क्रोधित हो सकते हैं.
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भगवान शिव कैलाश पर्वत पर निवास करते हैं जिसके ठीक ऊपर स्वर्ग लोक और नीचे पाताल लोक है. स्वर्ग लोक में जहां ब्रह्मा जी और पाताल लोक में भगवान विष्णु निवास करते हैं. ऐसे में भगवान शिव के निवास स्थान यानी कैलाश पर्वत को धरती का केंद्र माना जाता है.