Joshimath Mandir: जोशीमठ स्थित नृसिंह भगवान के मंदिर से जुड़े हैं बेहद चौंकाने वाले रहस्य, भविष्य में पड़ेगा जिनका असर
Joshimath Mandir: देवभूमि स्थित जोशीमठ में इन दिनों चारों तरफ तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है. हर तरफ भू धंसाव हो रहा है और परिवारों को अपना आशियाना छोड़कर जाना पड़ रहा है. चाहे घर हो या सड़कें हर जगह दरारें देखने को मिल रही हैं. सरकार हर संभव प्रयास करके जोशीमठ के लोगों को बचाने का प्रयास कर रही है.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि जोशीमठ का अपना विशेष धार्मिक महत्व है, जहां कई सारे ऐसे प्राचीन धार्मिक स्थल हैं, जिनके तार शंकराचार्य से लेकर अनेकों ज्ञानी महापुरुषों से जुड़े हुए हैं. इसी प्रकार जोशीमठ में भगवान नृसिंह का भी प्राचीन मंदिर स्थित है. भगवान नृसिंह को शंकराचार्य अपना इष्ट देवता मानते थे और साथ ही भगवान नृसिंह के मंदिर के दर्शन किए बिना बद्रीनाथ की यात्रा भी पूरी नहीं मानी जाती.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ठंड के मौसम में भगवान बद्रीनाथ इसी मंदिर की गद्दी पर आकर विराजित होते हैं. ऐसे में जोशीमठ में स्थित भगवान नृसिंह के इस मंदिर की विशेष धार्मिक महत्ता है, इतना ही नहीं इस मंदिर में कई एक चौंकाने वाले रहस्य भी मौजूद है. मंदिर से जुड़े इन रहस्यों का परिणाम आपको भविष्य में देखने को मिलेगा. जिनके बारे में ही आगे हम चर्चा करेंगे. चलिए जानते हैं….
जोशीमठ स्थित भगवान नृसिंह के मंदिर का अनोखा रहस्य
भगवान विष्णु के चौथे अवतार नृसिंह का मंदिर जोशीमठ में मौजूद है. जहां भगवान विष्णु के इस अवतार की बेहद शांत अवस्था में प्रतिमा मौजूद है. अगर आप गौर से भगवान विष्णु के नृसिंह अवतार की प्रतिमा को देखेंगे,
पाएंगे कि नृसिंह भगवान की एक बाजू बदलते समय के साथ पतली होती जा रही है. जिसको लेकर धार्मिक ग्रंथों में लिखा गया है, कि निकट भविष्य में भगवान की दाएं हाथ की भुजा पतली होती जाएगी और एक दिन उनका हाथ टूट कर गिर जाएगा,
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इसके पश्चात भविष्य में नर और नारायण नाम के पर्वत आपस में मिल जाएंगे और कोई भी व्यक्ति बद्रीनाथ के दर्शन नहीं कर पाएगा. जिस कारण जोशीमठ के तपोवन क्षेत्र में बद्रीनाथ का मंदिर स्थापित होगा, और इसके बाद ही व्यक्ति भगवान बद्रीनाथ के दर्शन कर पाएगा.