क्रिकेट खेलने वाली एश्ले बार्टी बनी विंबलडन क्वीन, जीता दूसरा ग्रैंडस्लैम
ऑस्ट्रेलिया की एश्ले बार्टी शनिवार रात विंबलडन की नई क्वीन बन गईं, चेक गणराज्य की कारोलिना पिलिसकोवा को हराकर महिला सिंगल्स का खिताब अपने नाम किया.
6-3, 6-7, 6-3 की जीत के साथ एश्ले ने दूसरा ग्रैंडस्लैम और पहला विंबलडन खिताब अपने नाम किया हैं.
क्रिकेट की दुनिया में आजमाया हाथ
बार्टी की पहली मोहब्बत भले ही टेनिस हो, लेकिन उन्हें क्रिकेट भी उतना ही प्रिय है, सात साल पहले 2014 में यूएस ओपन के पहले ही दौर में बाहर होने के बाद उन्होंने इस खेल से ब्रेक लेने का फैसला लिया.
2015 में रैकेट छोड़ उन्होंने बल्ला थाम लिया,एश ने टेनिस से ऐसी दूरी बनाई कि इसे खेलना तो दूर इस बारे में बात करना भी बंद कर दिया था. उस दौरान उनकी एकल रैंकिंग 216 और युगल 40 थी.
2015 में ऑलराउंउर के रूप में महिला बिग बैश में ब्रिसबेन हीट और क्वींलैंड वीमन के लिए मुकाबले खेले, फिर जब क्रिकेट में झंडे गाड़ लिए तो दोबारा 2016 में पेशेवर टेनिस में वापसी की.
जीत दूसरा ग्रैंडस्लैम
पांच साल में महिला एकल में विंबलडन फाइनल में पहुंचने वाली पहली विश्व नंबर-1 बार्टी अब वीनस रोजवाटर डिश को उठाने वाली इवोन गूलागोंग कावले (1980) के बाद पहली ऑस्ट्रेलियाई महिला खिलाड़ी हैं.
2019 फ्रेंच ओपन के बाद यह उनका दूसरा ग्रैंड स्लैम खिताब है। 2012 के बाद से तीन सेटों तक चले पहले विंबलडन महिला फाइनल में बार्टी को जीत हासिल करने के लिए एक घंटे 55 मिनट तक संघर्ष करना पड़ा.
उनकी पिछली हार 2016 यूएस ओपन के फाइनल के दौरान हुई थी, जब वह तीन सेटों में जर्मनी की एंजेलिक कर्बर से हार गई थीं.
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