Afghanistan: 2,000 साल पुराने खजाने को ढूंढ रहा तालिबान, जानें इस पिटारे का राज
अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबानियों ने कब्जा कर अपनी सरकार बनाकर शासन करना शुरू कर दिया है. लेकिन ताबिलानी ( अभी देश की आर्थिक स्थिति को सुधार नहीं पाए हैं. जिसके कारण वहां पर कैश की कमी होने से लोगों का खाना और रहना दुश्वार हो गया है. वहीं अब तालिबान करीब 2,000 साल पुराने एक खजाने को ढूढने में लगा हुआ है. जिसके जांच तेजी से चल रही है.
तालिबान द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया है कि हमने 2000 साल पुराने इस खजाने की तलाश शुरू कर दी है. तालिबानी सरकार में संस्कृति आयोग के डिप्टी अहमदुल्ला वासिक का कहना है कि इस मामले की जांच जारी है और इसकी पूरी जानकारी एकत्र होगी. उन्होंने कहा कि अगर सोना अफगानिस्तान के बाहर यानि दूसरे देश गया होगा तो फिर इसे हम देशद्रोह मानेंगे.
आपको बता दें कि 4 दशक यानी 400 साल पहले बैक्ट्रीयन गोल्ड को निकाला गया था. सोने का यह भंडार नॉर्दन अफगानिस्तान के शेरबेरघान जिले के टेला टापा इलाके में है. इस सोने को 6 सबसे अमीर बंजारों की कब्रों से निकाला गया था. इस खजाने को साल 1978-1979 में छह अमीर बंजारों की कब्र से निकाला गया था. ये कब्रें या तो अफगानिस्तान में सेंट्रल एशिया में साका कबीलियाई समुदाय की हैं या फिर उत्तर-पूर्वी चीन के युहेजी समुदाय की है.
जानें क्या है इस खजाने में
वहीं अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इस खजाने में ऐसा क्या हम आपको बता दें कि इन कब्रों में 20,000 से अधिक वस्तुएं थीं, जिनमें सोने की अंगूठियां, सिक्के, हथियार, झुमके, कंगन, हार, हथियार और मुकुट शामिल थे. सोने के अलावा इनमें से कई को फिरोजा, कारेलियन और लैपिस लाजुली जैसे कीमती पत्थरों से तैयार किया गया था.
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