तालिबान का फरमान: विश्वविद्यालयों में एक साथ नहीं पढ़ेंगे छात्र-छात्राएं, अलग-अलग लगेंगी कक्षाएं

 
तालिबान का फरमान: विश्वविद्यालयों में एक साथ नहीं पढ़ेंगे छात्र-छात्राएं, अलग-अलग लगेंगी कक्षाएं

अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबानियों का पूरी तरह से कब्जा हो चुका है. अब तालिबानी वहां पर अपने नियम बनाने में लगे हुए हैं. तालिबानी (Tabiban) रोजाना अपना एक नया फरमान जारी कर रहे हैं. वहीं आज यानि रविवार को कार्यवाहक तालिबान उच्च शिक्षा मंत्री ने अपना बयान जारी करते हुए कहा है कि अब विश्वविद्यालयों में छात्र और छात्राएं एक साथ पढ़ाई नहीं कर सकेंगे. वे इस्लामी कानून के अनुसार अलग-अलग कक्षाओं में अपनी पढ़ना जारी रखेंगे.

आपको बता दें कि अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जे के बाद से स्कूल औऱ कॉलेज सब बंद पड़े हैं. तालिबानियों की हुकूमत का असर स्कूलों पर भी पड़ रहा है. यहां पर पिछले 14 दिनों से कई जगहों के स्कूल खुले ही नहीं हैं. देखा जाए तो हेलमंद, लश्करगाह, गेरेश्क और नादअली जिलों में ज्यादातर लड़कियों के स्कूल हैं जिसमें से कुछ स्कूल ही खुले हुए हैं. लेकिन वहां पर डर के कारण एक भी बच्चे नहीं पहुंच रहे हैं.

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'एयरपोर्ट पर कब्जा लेने के लिए इंजीनियर तैयार'

वहीं तालिबानी काबुल एयरपोर्ट को 31 अगस्त तक खोली करने की अमेरिका को धमकी दे चुका है. वहीं अब तालिबान का कहना है कि काबुल एयरपोर्ट पर कब्जा करने के लिए हमारे इंजीनियर तैयार हैं. हम काबुल हवाईअड्डे का मैनेजमेंट अपने हाथ में लेने के लिए अमेरिकियों के संकेत का इंतजार कर रहे हैं.

वहीं टोलो न्यूज से जानकारी मिल रही है कि अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी काबुल लौट रहे हैं. तालिबान ने उन्हें वापस लौटने का ऑफर दिया था. जानकारी ये भी है कि वह तालिबानी सरकार में शामिल हो सकते हैं. हालांकि तालिबान की तरफ से इस बात की कोई जानकारी नहीं दी गई है.

आपको बता दें कि तालिबान के काबुल पर कब्जा करने के बाद से अमेरिका ने अपने 1 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित रूप से वहां से बाहर निकाल लिया है. वहीं अमेरिका को उम्मीद है कि 31 अगस्त तक वह अपने सभी लोगों को वहां से बाहर निकाल लेगा. फिलहाल काबुल एयरपोर्ट को अमेरिकी सैनिक अपने अंडर में लिए हुए हैं.

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