CUET 2022 Notification : नेशनल टेस्टिंग एजेंसी, एनटीए ने अपनी वेबसाइट -
nta.ac.in पर केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा यानी CUET 2022 एग्जाम के संबंध में आधिकारिक
नोटिफिकेशन जारी की है. जारी नोटिस के अनुसार, उम्मीदवार 2 अप्रैल, 2022 से CUET 2022 के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. एक बार रजिस्ट्रेशन लिंक एक्टिव होने के बाद, उम्मीदवार आसान एक्सेस के लिए आधिकारिक वेबसाइट cuet.samarth.ac.in पर CUET UG 2022 के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. आवेदन 2 अप्रैल से 30 अप्रैल 2022 के बीच भरे जा सकते हैं. आधिकारिक नोटिस के अनुसार, "स्नातक कार्यक्रमों के लिए ऑनलाइन आवेदन फॉर्म 2 अप्रैल, 2022 से उपलब्ध होगा. उसी के लिए लिंक आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाएगा."
CUET 2022 एग्जाम पैटर्न
NTA की योजना CUET 2022 को कंप्यूटर आधारित टेस्ट यानी CBT के रूप में ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्नों के साथ आयोजित करने की है. CUET 2022 परीक्षा 13 भाषाओं तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, मराठी, गुजराती, उड़िया, बंगाली, असमिया, पंजाबी, अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू में उम्मीदवारों के लिए आयोजित कराई जाएगी. CUET 2022 परीक्षा के लिए उम्मीदवारों को तीन खंडों के प्रश्नों को हल करना होगा. ये खंड निम्न प्रकार हैं - सेक्शन 1 भाषाएँ (ए और बी) सेक्शन 2 डोमेन स्पेसिफिक कयूशन्स सेक्शन 3 जनरल टेस्ट ध्यान रहे कि प्रत्येक खंड में बहुविकल्पीय (MCQ) प्रश्न होंगे.
CUET एग्जाम क्या है?
CUET का मतलब कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट है. यह भारत के 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए कम्प्यूटरीकृत प्रवेश परीक्षा होगी. यह परीक्षा राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी यानी एनटीए द्वारा जुलाई के पहले सप्ताह में आयोजित की जाएगी यानी कक्षा 12 की टर्म 2 की बोर्ड परीक्षा समाप्त होने के बाद. उसी के लिए आवेदन विंडो अप्रैल के पहले सप्ताह में खुलेगी.
CUET के लिए कौन उपस्थित हो सकता है?
कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट, CUET भारत के 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आयोजित किया जाएगा. इसलिए, कक्षा 12 के छात्र प्रवेश परीक्षा के लिए उपस्थित होने के पात्र होंगे. पिछले कई वर्षों से, हम दिल्ली विश्वविद्यालय सहित कई केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आसमान छूती कट-ऑफ का चलन देख रहे हैं. ऐसे में एक कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस एग्जाम की मांग काफी समय से चल रही थी. शिक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत में सीबीएसई, सीआईएससीई और विभिन्न राज्य बोर्डों के सभी अलग-अलग मूल्यांकन पैटर्न हैं, जो मूल्यांकन पैटर्न में व्यापक विविधता वाले केंद्रीय विश्वविद्यालयों में आवेदन करने वाले छात्रों के लिए अनुचित बनाता है.