Guru Ravidas: सागर में 100 करोड़ की लागत से बनेगा संत रविदास मंदिर, पीएम मोदी करेंगे शिलान्यास, देखें VIDEO

Guru Ravidas: मध्य प्रदेश के सागर जिले में 100 करोड़ रुपए की लागत से संत संत रविदास का मंदिर बनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को इस मंदिर का शिलान्यास करेंगे। उनके प्रस्तावित मध्य प्रदेश दौरे से एक दिन पहले इस मंदिर का थ्री-डी मॉडल भी सामने आया है। इस मंदिर को नागर शैली से बनाया जाएगा।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सागर जिले के बड़तूमा में बन रहे मंदिर के निर्माण स्थल का अवकोलन किया। जनसभा की तैयारी का भी निरीक्षण किया। सीएम ने सभा स्थल के मंच, हैलीपैड, डोम का अवलोकन कर सुविधाओं की जानकरी ली। मुख्यमंत्री कहा कि प्रधानमंत्री का मप्र आना अत्यंत सौभाग्य का विषय है। संत रविदास का दिव्य, भव्य और अलौकिक मंदिर बनेगा, जो समरसता का अद्भुत केन्द्र होगा। रविदास जयंती पर सागर में मंदिर निर्माण की मांग आयी थी। मन में यह विचार आया कि विशाल स्वरूप के मंदिर का निर्माण हो। मंदिर निर्माण की प्रक्रिया, आकल्पन और उसका स्वरूप तय हो गया है। भूमि-पूजन के साथ ही निर्माण कार्य प्रारंभ होगा। यह अपने आप में अद्भुत प्रोजेक्ट है। संत रविदास ने सदैव कर्म को महत्ता दी। अतः प्रोजेक्ट के अंतर्गत ग्लोबल स्किल सेंटर का निर्माण भी किया जाएगा।
पीएम का मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम
- दोपहर 1 बजे खजुराहो एयरपोर्ट पहुंचेंगे।
- दोपहर 2.05 बजे बड़तूमा हेलीपैड पहुंचेंगे। कार के जरिए कार्यक्रम स्थल पहुंचेंगे।
- दोपहर 2.15 बजे से 2.30 बजे तक संत रविदास महाराज के मंदिर और स्मारक का भूमिपूजन।
- दोपहर 2.35 बजे वे बड़तूमा हेलीपैड पर वापसी।
- दोपहर 3.05 बजे ढाना एयर स्ट्रिप पहुंचेंगे।
- दोपहर 3.15 बजे ढाना जनसभा स्थल पहुंचेंगे।
- शाम 4.15 बजे ढाना एयर स्ट्रिप से हेलिकॉप्टर के जरिए खजुराहो रवाना होंगे।
- खजुराहो से नई दिल्ली के लिए रवाना होंगे।
रिसर्च का बड़ा केंद्र बनेगा मंदिर, जानें खासियतें
रविदास मंदिर कला संग्रहालय परिसर सुविधाओं के साथ देश-विदेश के कई साधक, संशोधक और भक्तों को आकर्षित करेगा।
• आधुनिक संसाधन, प्रकाश पेड़-पौधों से परिसर का वातावरण ज्ञान के साथ सुकून का अनुभव भी कराएगा।
• मंदिर व संग्रहालय 101 करोड़ की लागत से 11.21 एकड़ भूमि में आकार लेगा। मध्य में 5500 वर्गफुट में मुख्य मंदिर होगा, जिसे नागर शैली से बनाया जाएगा।
• मंदिर में गर्भगृह, अंतरात मध्य तथा अर्धमंडप बनेंगे। मंदिर केवल पूजा का स्थान न बनकर सांस्कृतिक आध्यात्मिक संवाद केन्द्र बनेगा।
संग्रहालय के प्रवेश द्वार के सामने बड़ा-सा जलकुंड बनाया जाएगा। उसके पास विहार करने योग्य विशाल गलियारा बनेगा।
• मंदिर के आसपास वर्तुलाकार भूमि पर चार गैलेरी बनेगी, जिसमें रविदास के जीवन को विस्तृत रूप एवं आधुनिक संसाधनों की सहायता से प्रस्तुत किया जाएगा।
• संत की वाणी, कार्य, योगदान, भक्ति आंदोलन रविदास की भूमिका आदि विषयों को कलात्मक रूप से आधुनिक तकनीकों के साथ दर्शाया आएगा।
• दस हजार वर्गफुट में पुस्तकालय और संगत सभाखंड आकार लेगा। यहां संत रविदास की उपलब्धियों और शिक्षाओं को संग्रहित किया
मंदिर परिसर में संत रविदास के कृतित्व के साथ यहां आध्यात्मिक, धार्मिक पुस्तकें भी रखी जाएंगी
• संगत सभाखंड का आकार फूलों की पंखुड़ियों जैन होगा जहा संत की वाणी के साथ धार्मिक, आध्यात्मिक रिसर्व से जुड़े कार्य होंगे।
• 12,300 वर्गफुट में एक भक्त निवास बनेगा। यह क्षेत्र विश्वभर से आए साधकों, भवतों, संशोधक, विद्वानों, यात्रियों की निवास व्यवस्था के लिए बनेगा
• एसी कमरे, साफ विस्तर, संलग्न बाथरूम वाले पंद्रह कमरे होंगे। पचास व्यक्तियों के लिए छात्रावास की सुविधा भी प्राप्त होगी।
• 15 हजार वर्गफुट में अल्पाहार गृह होगा। डोम की डिजाइन वाले इस अल्पाहार गृह में नाश्ते एवं विभिन्न वानगियों का भोजन परोसा जाएगा।
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