PM Modi Speech In Loksabha: पुरानी सदन में आखिरी बार संबोधित करते हुए भावुक हुए पीएम मोदी, वीडियो में सुनें क्या कहा ?

PM Modi in Lok Sabha: संसद का विशेष सत्र आज से होगा शुरू हो गया है। पुरानी सदन में आखिरी बार संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार भावुक होते दिखे। अपने बचपन के कठिन दिनों को याद करते हुए उन्होंने लोकतंत्र की खूबियों को गिनाया। पीएम मोदी ने कहा कि एक रेलवे प्लेटफार्म पर रहने वाला भी संसद पहुंच गया। यह हमारे लोकतंत्र की ताकत है और हम सभी की यह साझा विरासत है।
आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरणा देगा पुराना संसद भवन-पीएम
पीएम मोदी ने कहा इस संसद भवन से हमारे तमाम यादें जुड़ी हुई हैं जो झकझोर देती हैं। जब मैं पहली बार सांसद के रूप में इस भवन में आया तो मैं संसद भवन की पटल पर अपना सिर झुका कर आया था। इस लोकतंत्र के मंदिर में श्रद्धाभाव से मैंने कदम रखा था। भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि रेल प्लेटफॉर्म पर गुजारा करने वाला गरीब संसद पहुंच गया। मैंने कभी कल्पना नहीं की थी कि देश मुझे इतना सम्मान देगा." आपको बता दें नए संसद भवन में शिफ्ट होने से पहले ये पुराने संसद भवन में संसदीय कार्यवाही का आखिरी दिन है।पुराने संसद भवन से जुड़ी देश की यादों को ताजा करते हुए कहा, "इस भवन को बनाने का फैसला भले ही अंग्रेजी हुकूमत का था, लेकिन इसके निर्माण में परिश्रम और पैसा देश के लोगों का ही लगा था। इसने 75 साल की हमारी यात्रा ने हमें कई यादें दी हैं। भले ही हम नए भवन में जा रहे हैं, लेकिन यह भी आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरणा देता रहेगा
पीएम ने आगे कहा आजाद भारत के नव-निर्माण से जुड़ी हुई अनेक घटनाओं को हमने इसी सदन में आकार लेते हुए देखा था। आज जब हम इस सदन को छोड़कर जा रहे हैं तो बहुत सी घटनाएं हैं, जो याद आती हैं." इसके पहले पीएम मोदी ने जी20 और चंद्रयान-3 की सफलता को लेकर कहा कि इसने पूरे विश्व में देश को गौरवान्वित किया है।
इस सत्र में कई मुद्दों पर रहेगा जोर
पहले सूचीबद्ध विधेयकों में मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित विधेयक भी शामिल है। यह विधेयक पिछले मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में पेश किया गया था और विपक्ष ने इसका विरोध किया था, क्योंकि इसमें मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्तों की सेवा शर्तों को कैबिनेट सचिव के बराबर रखने की मांग की गई है न कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के बराबर. इसे उनके कद में गिरावट के तौर पर देखा जा रहा है.हालांकि किसी भी संभावित नए कानून पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन भाजपा समेत अन्य लोगों की राय है कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं जैसी निर्वाचित विधायिकाओं में महिलाओं के लिए कोटा सुनिश्चित करने के लिए एक विधेयक लाया जा