Sambhal Violence: तीन स्तरीय सुरक्षा, ड्रोन, और न्यायिक आयोग की जांच
Sambhal Violence: संभल में सुरक्षा व्यवस्था के तहत यूपी पुलिस, पीएसी, आरआरएफ और आरएएफ के जवानों को तैनात किया गया है। जुमे की नमाज के दौरान कोई अनहोनी न हो, इसके लिए छतों पर निगरानी के लिए ड्रोन लगाए गए हैं। संभल जिला मुख्यालय को सेक्टरों में बांटकर सुरक्षा की निगरानी की जा रही है। जामा मस्जिद के आसपास रहने वाले स्थानीय लोग ही नमाज अदा करने के लिए अनुमति प्राप्त करेंगे। स्थानीय मस्जिद समिति से वॉलंटियर्स की तैनाती की गई है, जो पहचान सुनिश्चित करेंगे।
संभल हिंसा का परिणाम
संभल में 24 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वे के विरोध में भीड़ हिंसक हो गई थी, जिसके बाद आगजनी और पथराव हुआ। इस हिंसा में 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए, जबकि चार लोगों की मौत हो गई। मुस्लिम पक्ष का आरोप है कि यह मौतें पुलिस की गोलीबारी से हुई हैं, जबकि पुलिस का कहना है कि यह मौतें आपसी विवाद में चली गोलियों के कारण हुई हैं। पुलिस ने इन आरोपों का खंडन किया है।
न्यायिक आयोग की जांच
न्यायिक आयोग इस हिंसा के कारणों, कानून-व्यवस्था में पुलिस की भूमिका और जामा मस्जिद विवाद के कानूनी पहलुओं की जांच करेगा। मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर निचली अदालत के उस आदेश पर रोक लगाने की मांग की है, जिसमें सर्वे की अनुमति दी गई थी। मस्जिद कमेटी का कहना है कि इस आदेश में जल्दबाजी की गई थी और प्रभावित पक्षों को नोटिस नहीं भेजा गया था।
निष्कर्ष
स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है, और उत्तर प्रदेश सरकार घटनाक्रम पर करीब से नजर रखे हुए है। न्यायिक आयोग मामले की गहन जांच करेगा और रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा, जबकि पुलिस और प्रशासन क्षेत्र में शांति बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।