यूपी में बाबा भोले की नगरी में पूरे सावन कांवड़ियों के रास्ते मांस बिक्री पर रहेगा प्रतिबंध, FIR भी होगी दर्ज

 
यूपी में बाबा भोले की नगरी में पूरे सावन कांवड़ियों के रास्ते मांस बिक्री पर रहेगा प्रतिबंध, FIR भी होगी दर्ज

Meat Shops: उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सत्ता में आने के बाद से ही सावन माह में कांवड़ यात्रा को सुगम व बेहतर करने का निरंतर प्रयास किया जाता रहा है। काशी में पूरे सावन के दो महीने में कांवड़ियों के रास्ते मांस ब्रिकी पर कड़ाई से प्रतिबंध रहेगा। वाराणसी में ऐसी दर्जनों दुकानों का चिन्हांकन भी हो चुका है, जिसको नगर निगम ने बंद करने का अल्टीमेटम दे दिया है और बाकायदा इसकी निगरानी के लिए टीम भी बना दी गई है। सीएम योगी ने कहा कि श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान करते हुए कांवड़ मार्ग पर खुले में मांस बेचने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. मार्ग साफ सुथरा रहना चाहिए।यूपी सरकार ने 4 जुलाई से शुरू हो चुकी कांवड़ यात्रा के मार्ग पर खुले में मांस की बिक्री और खरीद पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ के दर्शन और जलाभिषेक के लिए काशी आने वाले श्रद्धालुओं और कांवड़ियों को पूरे रास्ते मीट-मांस की बिक्री का सामना नहीं करना पड़ेगा। क्योंकि योगी सरकार की सख्ती के बाद वाराणसी नगर निगम ने कमर कस ली है।

FIR भी हो सकती है दर्ज

वाराणसी नगर निगम के पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डॉ अजय प्रताप सिंह ने बताया कि वाराणसी नगर निगम श्रद्धालुओं के लिए पूरी तरह लगा हुआ है कि कहीं इनकी धार्मिक भावना आहत न हो। इसके लिए कांवड़ियों के आने वाले रूट पर मीट, मुर्गा और मछली की दुकानों के अलावा इसके बने उत्पाद बनाकर बेचने वालों को भी निर्देशित कर दिया गया है कि वे अपनी दुकानों बंद रखे। अगर कोई इसका उल्लंघन करता हुआ पाया गया तो कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी और FIR भी दर्ज कराया जाएगा ताकि भविष्य में कोई ऐसी गलती न हो। इसके लिए टीम भी बना दी गई है। उन्होंने बताया कि कांवड़ यात्रा के रास्ते में पड़ने वाली 25-30 दुकानों को चिन्हित भी किया जा चुका है। इसका रूट चितईपुर, पांडेयपुर और भोजूबीर की तरफ से कांवड़ियां आते हैं।

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इन रूट पर बंद रहेंगी मुर्गा-मीट की दुकानें


वाराणसी में कावड़ियों के आने वाले रास्ते पर यह चिन्हांकन किया गया है, जिसमें प्रमुख रूप से इसका रूट भोजुबीर, पांडेपुर, हुकुलगंज, लहुराबीर, मैदागिन, बेनिया,चितईपुर, मंडुवाडीह, महमूरगंज, रथयात्रा और लक्सा मार्ग होते हुए कावड़िया बाबा विश्वनाथ के मंदिर में पहुंचते है। इन रास्तों पर पड़ने वाले मांस की दुकानों को अल्टीमेटम दे दिया गया है।

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