Ganeshotsav Celebration: क्यों इतना प्रसिद्ध है गणेश जी का सिद्धिविनायक मंदिर, ये है प्रमुख वजह

 
Ganeshotsav Celebration: क्यों इतना प्रसिद्ध है गणेश जी का सिद्धिविनायक मंदिर, ये है प्रमुख वजह

Ganeshotsav Celebration: गणेश चतुर्थी का पर्व हर साल भादों महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है. इस दिन हिंदू धर्म में गणेश जी का जन्मदिन मनाया जाता है. जोकि महाराष्ट्र समेत पूरे भारतवर्ष में बेहद ही उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है. गणेश जी जिन्हें हिंदू धर्म में प्रथम देव का दर्जा दिया गया है, और उनकी पूजा किए बिना किसी भी काम की शुरुआत नहीं होती है.

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ऐसे में हमारे आज के इस लेख में हम आपको गणपति जी के सिद्धि विनायक मंदिर के बारे में बताने वाले हैं. जहां हर गणेश चतुर्थी पर भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है. हमारे आज के इस लेख में हम आपको सिद्धि विनायक मंदिर से जुड़ी मान्यता के बारे में बताने वाले हैं, कि आखिर क्या है इस मंदिर की खासियत? और क्यों है इतना प्रसिद्ध…

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सिद्धि विनायक मंदिर से जुड़ी खास बातें

सिद्धि विनायक मंदिर मुंबई में स्थित है, जहां हर साल गणेश चतुर्थी पर दूर दूर से लोग दर्शन करने आते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार, गणपति जी जी इस मंदिर में मांगी हुई हर मुराद पूरी हो जाती है. साथ ही इस मंदिर में गणेश जी की सूड़ दाई ओर मुड़ी है, जिस कारण ये गणेश जी का सिद्ध पीठ मंदिर कहलाता है. इस मंदिर में अक्सर लोग अपनी कामना की पूर्ति के लिए जाते हैं.

सिद्धि विनायक मंदिर की स्थापना 1801 में हुई थी, जिसको बनवाने के लिए एक महिला जोकि पेशे से किसान थी, उसने धनराशि दान दी थी. उसकी कामना थी कि जो भी महिला इस मंदिर में आए, वह कभी संतान से वंचित ना हो. इस तरह से सिद्धि विनायक मंदिर में जो महिला आती है, उसकी संतान की कामना अवश्य पूरी होती है.

इस मंदिर में हर मंगलवार को आरती होती है, जिस दौरान मंदिर के बाहर लंबी लंबी कतार लगती हैं. विनायक मंदिर में हर जाति, धर्म और समुदाय के लोगों को आने की इजाजत है. ये मंदिर भारत के सभी अमीर मंदिरों में से एक है, जहां हर साल करोड़ों का दान आता है.

सिद्धिविनायक मंदिर में गणेश जी की काले रंग की प्रतिमा विद्यमान है, इतना ही नहीं इस मंदिर में भगवान गणेश अपनी पत्नी रिद्धि और सिद्धि के साथ मौजूद है.इतना ही नहीं, सिद्धिविनायक मंदिर में चांदी से बनी चूहों की दो बड़ी मूर्तियां हैं. मान्यता है कि जो भी व्यक्ति इस मंदिर में आकर इन चूहों के कान में अपनी इच्छा व्यक्त करता है उसकी हर इच्छा की पूर्ति भगवान गणेश करते हैं.

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