Sawan 2023: इन दिनों अपने मायके क्यों जाती हैं विवाहित स्त्रियां? क्या है शिव-सती से इसका संबंध

 
Sawan 2023: इन दिनों अपने मायके क्यों जाती हैं विवाहित स्त्रियां? क्या है शिव-सती से इसका संबंध

Sawan 2023: जैसा कि आप जानते हैं कि इन दिनों सावन का महीना चल रहा है. सावन के दिनों में भगवान शिव सृष्टि का संचालन का कार्यभार संभालते हैं और भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं. ऐसी मान्यता है कि सावन के दिनों में भगवान शिव हरिद्वार के कनखल स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर में आकर विराजते हैं, यहीं से सृष्टि का संपूर्ण कार्यभार संभालते हैं.

सावन(Sawan 2023) के दिनों में भगवान शिव के भक्त विधि-विधान से उनकी पूजा-अर्चना करते हैं और उनको प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं. इसके अलावा सावन के दिनों में एक रिवाज यह भी है, कि इस पावन महीने में विवाहित स्त्रियां अपने मायके जाया करती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस प्रथा या परंपरा के पीछे क्या कारण है. यदि नहीं तो हमारे आज के इस लेख में हम आपको यही बताएंगे.

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सावन (Sawan 2023) में महिलाओं के मायके जाने के पीछे का कारण

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि सावन (Sawan 2023) के महीने में भगवान शिव हरिद्वार स्थित अपनी ससुराल पहुंचते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि माता पार्वती के विशेष आग्रह पर जब भगवान शिव उनके पिता के घर नहीं आए, जब माता पार्वती उनसे रुष्ट होकर अपने पिता के घर अकेली चली आई थी.

इस दौरान महादेव माता पार्वती को मनाने उनके पीछे आए, ऐसा कहा जाता है कि तब माता पार्वती अपने मायके पहुंची और पीछे-पीछे महादेव भी अपनी ससुराल आ गए. यहां माता पार्वती के पिता दक्ष प्रजापति ने महादेव का काफी उपहास उड़ाया.

जिसके बाद भगवान शिव के प्रतीक ने दक्ष प्रजापति का सिर धड़ से अलग कर दिया था, लेकिन देवी-देवताओं के विशेष आग्रह पर दक्ष प्रजापति ने अपने बर्ताव के लिए महादेव से क्षमा मांगी और भगवान शिव को अपने घर आने के लिए आमंत्रित किया.

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, तभी से कहते हैं महादेव अपनी ससुराल में सावन(Sawan 2023) के दिनों में मौजूद रहते हैं. तभी से माता पार्वती की तरह स्त्रियां सावन के दिनों में अपने मायके जाती है.

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