Haldwani: सेना भर्ती में चूक, कानून व्यवस्था पर मंडराया खतरा
Haldwani: पिथौरागढ़ में प्रादेशिक सेना भर्ती के लिए परिवहन व्यवस्था को लेकर लिखे गए डीएम के पत्र को आठ दिन तक सही जगह नहीं पहुंचाया गया। इस चूक के कारण भर्ती प्रक्रिया के दौरान कानून व्यवस्था पर खतरा मंडराने लगा और दो दिन का समय खराब हो गया।
सेना भर्ती के लिए परिवहन की जरूरत पर ध्यान नहीं
डीएम पिथौरागढ़ का पत्र
11 नवंबर को डीएम विनोद गोस्वामी ने परिवहन विभाग को अतिरिक्त बसों की मांग के लिए पत्र लिखा था। इसमें 12 से 27 नवंबर तक टनकपुर और हल्द्वानी से पिथौरागढ़ के लिए अतिरिक्त बसें उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया था।
पत्र का भटकाव
यह पत्र विभागों में घूमता रहा और 9वें दिन 21 नवंबर को काठगोदाम के मंडलीय प्रबंधक कार्यालय पहुंचा।
कानून व्यवस्था पर पड़ा असर
भर्ती में बढ़ी भीड़
दानापुर में सेना भर्ती रद्द होने के कारण पिथौरागढ़ में अभ्यर्थियों की संख्या काफी बढ़ गई।
युवाओं को लाने की समस्या
उत्तराखंड और यूपी के युवाओं को लाने के लिए हल्द्वानी और टनकपुर से बसों की व्यवस्था नहीं हो पाई।
दफ्तर-दफ्तर भटका पत्र
पत्र देर से पहुंचने के कारण समय पर बसों की व्यवस्था नहीं हो सकी, जिससे भीड़ को संभालने में दिक्कतें हुईं।
प्रशासन का पक्ष
मंडलीय प्रबंधक, काठगोदाम
“हमें मंगलवार को ही पत्र मिला। अगर पहले सूचना मिलती, तो बेहतर प्रयास किए जा सकते थे।” – पूजा जोशी
डीएम पिथौरागढ़
“हमने आर्मी अधिकारियों के साथ बैठक कर परिवहन विभाग को सूचना दी थी। मगर पत्र सही समय पर नहीं पहुंचा।” – विनोद गोस्वामी
निष्कर्ष
यह घटना विभागीय समन्वय की कमी और धीमी प्रक्रिया को उजागर करती है। सेना भर्ती जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रिया में इस तरह की चूक से न केवल कानून व्यवस्था खतरे में पड़ती है, बल्कि युवाओं की परेशानी भी बढ़ती है।