Chhath Puja 2024: छठ पूजा करने की सही विधि और जरूरी नियम
Chhath Puja 2024: छठ पूजा का पर्व इस साल 08 नवंबर से नहाय-खाय के साथ शुरू हो रहा है और 31 अक्टूबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ समाप्त होगा। बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में यह पर्व अत्यंत श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। छठ पूजा में मुख्य रूप से सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस पर्व को विधिवत करने से सूर्य देव का आशीर्वाद मिलता है और संतान को उत्तम स्वास्थ्य का वरदान प्राप्त होता है।
Chhath Puja Vidhi
छठ पूजा के पहले दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें। इस दिन व्रती निर्जला व्रत रखती हैं और दिनभर अन्न ग्रहण नहीं करती हैं। संध्याकाल में अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए बांस या पीतल की टोकरी में पूजन सामग्री रखकर घाट पर जाते हैं। अगले दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत को पूर्ण किया जाता है।
Chhath Puja Samagri List
छठ पूजा में विशेष सामग्रियों का महत्व होता है, जैसे:
बांस की टोकरी, सूप
नारियल, पत्ते लगे गन्ने
अक्षत, सिंदूर, धूप, दीप
थाली, लोटा, नए वस्त्र
नारियल पानी भरा हुआ
अदरक का हरा पौधा, मौसम के फल
मिट्टी या पीतल का कलश
कुमकुम, पान, सुपारी
छठ पूजा का महत्व और नियम
छठ पूजा के दौरान अन्न ग्रहण नहीं किया जाता और व्रती निर्जला उपवास रखती हैं। इस पूजा में सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करते समय टोकरियों में सभी पूजन सामग्रियों का होना आवश्यक होता है। माना जाता है कि इस व्रत को विधिपूर्वक करने से सूर्य देव हर मनोकामना पूर्ण करते हैं और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
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