Chandrayaan-3  की लॉन्चिंग के 1 महीने बाद रूस का मिशन मून, जानें भारत के लिए क्या है खुशखबरी

 
Chandrayaan-3  की लॉन्चिंग के 1 महीने बाद रूस का मिशन मून, जानें भारत के लिए क्या है खुशखबरी

Chandrayaan-3: 47 साल बाद पहली बार रूस चंद्रमा पर अपना मून मिशन भेज रहा है। नाम है लूना-251 ये मिशन भारत के चंद्रयान- 3 . किया गया था। चंद्रयान-3 को 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरना है, लेकिन रूस का लूना-25 की यात्रा जल्दी पूरी होगी। वह 11 अगस्त की सुबह करीब पौने पांच बजे लॉन्च होगा। 21 या 22 अगस्त को वह चंद्रमा की सतह पर पहुंच जाएगा। रूस का रॉकेट की लॉन्चिंग के करीब एक महीने लॉन्च हो रहा है। चंद्रयान 14 जुलाई को लॉन्च सोयुज 2.1 बी रॉकेट की ऊंचाई 46.3 मीटर है। जबकि जीएसएलवी एमके- 3 ऊंचाई 49.13 मीटर है। सोयुज का व्यास 2.5 मीटर है। जीएसएलवी का व्यास 2.8 मीटर है। सोयुज का वजन 3. 12 लाख किलो है। जीएसएलवी का वजन 4.14 लाख किलो है। लेकिन हैरानी इस बात की है कि सोयुज रॉकेट 401.65 करोड़ रुपए का है। जबकि जीएसएलवी रॉकेट 389.23 करोड़ है। यानी रूस का रॉकेट काफी महंगा है। लूना 25 को लूना-ग्लोब मिशन भी कहते हैं। लूना 25 पांच दिन की यात्रा करके चंद्रमा के पास पहुंचेगा, फिर पांच से सात दिन वह चंद्रमा के चारों तरफ चक्कर लगाएगा।

हम किसी के रास्ते में नहीं आएंगे

रूस ने कहा कि भारत या किसी और देश के मून मिशन से हमारी न तो टक्कर होगी। न, हम किसी के रास्ते में आएंगे। क्योंकि चंद्रमा या अंतरिक्ष हर किसी के लिए है। इस मिशन की शुरुआत 1990 में हुई थी। यह अब पूरा होने वाला है। रूस क ने जापानी स्पेस एजेंसी को साथ लेने ड़ की कोशिश की थी, लेकिन जापानने मना कर दिया था। रूसी स्पेस है। एजेंसी ने भारत के इसरो के साथ भी अपने मून मिशन में मदद करने की के अपील की थी, लेकिन बात बनी नहीं।

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चंद्रयान-3 चांद के और करीब पहुंचा

इधर, भारत का चंद्रयान-3 मिशन बुधवार को चांद के और करीब पहुंच चांद की कक्षा बदलने की प्रक्रिया को अब चंद्रयान-3 चांद के और करीबी कक्षा में पहुंच गया है। 14 जुलाई को लॉन्चिंग के बाद की चंद्रयान- 3 पृथ्वी की कक्षा छोड़ 5 अगस्त नीको सफलतापूर्वक चांद की कक्षा में पहुंच गया था। इसरो ने एक ट्वीट में कहा कि चंद्रयान-3 अब चांद की सतह के और करीब है। चंद्रयान-3 के ऑर्बिट कम करने की प्रक्रिया पूरी होने किमी 1437 किमी रह गई है। इसरो ने कहा कि अब यान का चांद की कक्षा बदलने से जुड़ा ऑपरेशन 14 अगस्त को दिन में 11.30 से 12.30 के बीच होगा। जैसे-जैसे मिशन आगे बढ़ रहा है चंद्रयान- 3 को चांद की कक्षा में और नीचे उतारने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है, ताकि इसे चांद के ध्रुव पर पहुंचाया जा सके।

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