Sawan 2023: श्रावण के दिनों में कैसे करें भगवान शिव को प्रसन्न?
Sawan 2023: सावन महीने में भगवान शिव की पूजा और व्रत करने का विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि सावन में भगवान शिव विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं और उनकी पूजा-अर्चना और व्रत से देवों की कृपा प्राप्त होती है. आज आपको बताते हैं सावन (Sawan 2023) में शिव पूजा करने का सही तरीका.
सावन के विशेष दिन (Sawan 2023)
1. महाशिवरात्रि- सावन मास का प्रमुख त्योहार महाशिवरात्रि होता है. इस दिन आप भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं. आप भगवान शिव को जल, दूध, धूप, दीप, फूल, बेल पत्र, बिल्व पत्र, और धातु के कटोरे द्वारा अर्चना कर सकते हैं.साथ ही शिव प्रतिमा, शिवलिंग या मूर्ति की पूजा की जा सकती है l. और मंत्रों का जाप कर सकते हैं. इस दिन व्रत रखकर सफेद वस्त्र पहनना और शिवलिंग पर जल चढ़ाना भी शुभकारी माना जाता है.
2. सोमवार का व्रत- सावन (Sawan 2023) मास में सोमवार को भगवान शिव का विशेष दिन माना जाता है. आप हर सोमवार को शिव पूजा और व्रत कर सकते हैं. इस दिन आप शिवलिंग को जल चढ़ा सकते हैं, बेल पत्र और बिल्व पत्र की अर्चना कर सकते हैं और शिव मंत्रों का जाप कर सकते हैं. इसके अलावा, आप सोमवार को शिवलिंग पर दूध, जल, जलेबी, फल, दूधी, नीम के पत्ते आदि अर्पित कर सकते हैं.
3. व्रत के दौरान सातवें सावन- सातवें सावन के दिन शिव पूजा करने का विशेष महत्व होता है. आप इस दिन विशेष रूप से शिवलिंग की पूजा कर सकते हैं. शिवलिंग पर जल चढ़ाने के साथ-साथ, बेल पत्र, बिल्व पत्र, धूप, दीप, फूल आदि से उनकी अर्चना करें. इस दिन भी व्रत रखकर विशेष शिव मंत्रों का जाप करना भी उपयुक्त होता है.
पूजा करने की विधि (Sawan 2023)
1. पूजा की सामग्री- शिव पूजा के लिए आपको नीम के पत्ते, धूप, दीप, गंगाजल, धातु का कटोरा, बेल पत्र, पुष्प, जल, अक्षत, रुद्राक्ष माला, बिल्व पत्र, रक्षा सूत्र आदि की आवश्यकता होती है.
2. पूजा का स्थान- शिव पूजा के लिए शुभ स्थान का चयन करें, जहां आप शिवलिंग को स्थापित कर सकते हैं. यदि शिवलिंग नहीं है, तो आप प्रतिमा या मूर्ति का उपयोग भी कर सकते हैं.
3. स्नान- पूजा से पहले शुद्धि के लिए नियमित स्नान करें. स्नान के बाद पवित्र स्थल पर वस्त्र और अक्षत चढ़ाएं.
4. व्रत और उपवास- सावन (Sawan 2023) में शिव पूजा के दौरान उपवास रखना और व्रत आदि करना बहुत शुभ माना जाता है. आप सावन के सोमवार को भी विशेष रूप से उपवास कर सकते हैं.
5. पूजा का क्रम- पूजा के दौरान शिवलिंग को जल, धूप, दीप आदि से पूजित करें. बिल्व पत्र, पुष्प, रुद्राक्ष माला भोलेनाथ को अर्पित करें और मंत्रों का जाप करें. महामृत्युंजय मंत्र और ओं नमः शिवाय मंत्र का जाप करना शुभ होता है.
6. आरती- पूजा के बाद शिव जी की आरती करें.आरती में शिव जी के गुणों की प्रशंसा करें और उन्हें प्रसन्न करें.
7. प्रसाद- पूजा के बाद प्रसाद के रूप में फल, चूर्ण, दूध, गंगाजल आदि को भोग लगाएं और उसे पूरी भक्ति से अर्पित करें.
ये वो तरीके हैं,जिससे आम शिव पूजा की जा सकती है. अपने आवश्यकताओं और साधनों के अनुसार उन्हें अनुकूलित कर सकते हैं. शिव पूजा करते समय अपने मन, शरीर और आत्मा को पवित्र और शुद्ध रखें.
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