Sidhharth Shukla, Puneeth Rajkumar death: नौजवानों में हार्ट अटैक की संख्या क्यूं बढ़ रही है?
सिद्धार्थ के बाद दक्षिण भारत के सुप्रसिद्ध अभिनेता पुनीत राजकुमार की मौत भी हृदय गति के रुकने से हुई है। इसके बाद कई लोगों के द्वारा सोशल मीडिया पर सवाल उठाया जा रहा है कि दूसरे देशों के मुक़ाबले भारत में युवाओं में दिल की बीमारी का ख़तरा ज़्यादा तेज़ी से क्यों बढ़ रहा है?
चलिए जानते हैं भारतीय युवाओं का दिल इतना कमज़ोर क्यों है?
सबसे पहले 2015 के आंकड़े पर नजर डालते हैं। अमरीका के एक रिसर्च के अनुसार 2015 तक भारत में 6.2 करोड़ लोगों को दिल से जुड़ी बीमारी हुई। इसमें से तकरीबन 2.3 करोड़ लोगों की उम्र 40 साल से कम है। जानकारों के मुताबिक आने वाले वक्त में दुनिया में भारत में ये आंकड़े सबसे तेज़ी से बढ़ रहे हैं।
देश के जाने माने कार्डियोलॉजिस्ट और पद्मश्री डॉक्टर एस सी मनचंदा बीबीसी को एक इंटरव्यू में बताते हैं कि देश के युवाओं का दिल कमज़ोर हो गया है।
डाक्टर इसका पांच मुख्य वजह मानते हैं कि:
•जीवन में तनाव
•खाने की ग़लत आदत
•कम्प्यूटर/ इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर देर तक काम करना
•स्मोकिंग, तंबाकू, शराब की लत
•पर्यावरण का प्रदूषण
दिल के दौरा का मुख्य वजह दिल तक खून की आपूर्ति नहीं जाना है। धनिया के रास्ते रुकावट आने की वजह से ब्लड दिल तक नहीं पहुंच पाता है और सीने में तेज दर्द शुरू हो जाता है। लेकिन कभी-कभी दिल के दौरे में दर्द नहीं होता। इसे साइलेंट हार्ट अटैक कहा जाता है।