Chulkana dham: आखिर क्यों बाबा खाटू श्याम का ये मंदिर है बेहद प्रसिद्ध? जानें पौराणिक मान्यता
Chulkana dham: बाबा खाटू श्याम को कलयुग के ईश्वर की तौर पर पूजा जाता है. भारत समेत संपूर्ण विश्व में बाबा खाटू श्याम के अनेकों भक्त हैं, जोकि बाबा खाटू श्याम को बेहद मानते हैं.
बाबा खाटू श्याम का मुख्य मंदिर राजस्थान के सीकर में मौजूद है, जहां हर वर्ष भक्तों का तांता लगा रहता है. इसी तरह से महाभारत की साक्ष्य नगरी हरियाणा में भी बाबा खाटू श्याम का एक बहुत प्रसिद्ध मंदिर स्थित है,
जिसका नाम चुलकाना धाम है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह मंदिर बाबा खाटू श्याम के अस्तित्व की मान्यता के तौर पर जाना जाता है. यही कारण है कि इस मंदिर की विशेष धार्मिक महत्व है.
हमारे आज के इस लेख में हम आपको बाबा खाटू श्याम के चुलकाना मंदिर से जुड़े रहस्य के बारे में बताने वाले हैं. तो चलिए जानते हैं…
खाटू श्याम के चुलकाना धाम का रहस्य
भारत के हरियाणा राज्य के पानीपत के समालखा कस्बे में एक चुलकाना गांव स्थित है. जहां पर ही बाबा खाटू श्याम का यह मंदिर मौजूद है.
महाभारत की कहानी के अनुसार, इस मंदिर की स्थापना इसी वजह से हुई क्योंकि इस मंदिर के प्रांगण में बाबा खाटू श्याम यानी कि महाभारत के बर्बरीक का सिर धड़ से अलग होकर गिरा था,
जिस कारण चुलकाना गांव खाटू श्याम के धाम के नाम से जाना जाता है. इस गांव में मौजूद एक पीपल के पेड़ के सारे पत्तों में छेद है, माना जाता है कि बर्बरीक के बाण की वजह से पीपल के पत्तों में छेद हो पाया.
जो कि आज भी मौजूद है. इस मंदिर में एक बहुत ही मान्यता प्राप्त तालाब भी मौजूद है, जहां पर हाथ पैर धोने के बाद ही व्यक्ति खाटू बाबा के दर्शन के लिए मंदिर में जाता है.
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चुलकाना धाम में मौजूद पीपल के पेड़ पर धागा बांधकर लोग अपनी अपनी मन्नत के पूरा होने की कामना करते हैं. चुलकाना धाम में मौजूद तालाब के पानी से हाथ पैर धोने पर व्यक्ति को अपने सभी दुखों से छुटकारा मिल जाता है. यही कारण है कि बाबा खाटू श्याम का यह धाम बेहद पवित्र और प्रसिद्ध है.